दिल्ली के वोकेशनल टीचर्स को नई ऊर्जा: बढ़ी सैलरी और विस्तार हुआ कार्यकाल

दिल्ली के वोकेशनल टीचर्स को नई ऊर्जा: बढ़ी सैलरी और विस्तार हुआ कार्यकाल

दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक बड़े फैसले के तहत राजधानी के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले 410 पार्टटाइम वोकेशनल टीचर्स (PTVTs) का सेवा काल मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। उपराज्यपाल द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही शिक्षकों की तनख्वाह में भी अहम इजाफा किया गया है। करीब 36 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन से न केवल शिक्षण गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि इन प्रशिक्षकों की आर्थिक सुरक्षा भी मजबूत होगी।

इन पार्टटाइम टीचर्स की परंपरा 1970 के दशक के अंत से चली आ रही है, जब स्कूलों में व्यावसायिक विषयों की आवश्यकता महसूस की गई थी। तब से ये शिक्षक ठेके पर काम करते आ रहे हैं और बच्चों को कक्षा 9 से 12 तक NSQF फ्रेमवर्क के तहत तैयार कर रहे हैं। इस विस्तार से 402 योग्य और 8 उनके समकक्ष प्रशिक्षित टीचर्स को सेवाएं जारी रखने का मौका मिलेगा, साथ ही हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म स्ट्रीम के दो विशेष प्रशिक्षकों की भी अवधि बढ़ाई गई है।

सरकार के इस निर्णय का सबसे बड़ा फायदा छात्रों को मिलेगा, क्योंकि वे बिना व्यवधान के तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे। सैलरी बढ़ोतरी ने उन शिक्षकों को आत्मविश्वास दिया है जो अक्सर वित्तीय अस्थिरता की समस्या से जूझते थे। इसके अलावा, जब शिक्षण समुदाय में मनोबल ऊँचा रहेगा, तो उसके सकारात्मक असर स्कूल के पूरे वातावरण पर पड़ेगा और सीखने की गुणवत्ता स्वाभाविक रूप से उन्नत होगी।

यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नई नियुक्तियों में ठहराव के बीच वरिष्ठ प्रशिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। दिल्ली सरकार ने मौजूदा शिक्षकों को बनाए रखने के लिए यह सोचा-समझा निर्णय लिया है। इससे यह संदेश भी जाता है कि व्यावसायिक शिक्षा पर मजबूती से फोकस किया जा रहा है और भविष्य में आवश्यक कौशल वाले युवा तैयार किए जा रहे हैं। बजट प्रबंध के साथ यह पहल एक सुविचारित रणनीति का हिस्सा प्रतीत होती है।

निष्कर्षतः, पार्टटाइम वोकेशनल टीचर्स के कार्यकाल विस्तार और सैलरी वृद्धि ने दिल्ली की स्कूल प्रणाली में स्थिरता और उत्साह दोनों को बढ़ावा दिया है। यह फैसला न सिर्फ शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया, बल्कि स्किल आधारित शिक्षा को नई दिशा भी दी है। आने वाले समय में इससे वोकेशनल कोर्सेज की लोकप्रियता बढ़ने की उम्मीद है, जो अंततः युवाओं को रोजगार योग्य बनाएगा और आर्थिक विकास को गति देगा।

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