कनाडा पिछले कई वर्षों से भारतीय छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां विश्वस्तरीय शिक्षा, बहुसांस्कृतिक वातावरण और जीवन की उत्कृष्ट गुणवत्ता मिलती है। सबसे बड़ी खूब यह है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद आप यहां सहजता से परमानेंट रेजिडेंसी (PR) का आवेदन कर सकते हैं, जिससे कनाडा में स्थाई तौर पर बसने का अवसर मिलता है।
कनाडा का स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री प्रोग्राम पूरा करने के बाद छात्र पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) के लिए आवेदन करते हैं, जो उन्हें देश में काम करने का वैध प्रावधान देता है। इस अनुभव के आधार पर एक्सप्रेस एंट्री में कैनेडियन एक्सपीरियंस क्लास (CEC) की श्रेणी में रहते हुए PR के लिए पात्रता हासिल होती है। यहां काम करने वाले पेशेवरों की मांग को देखते हुए कई प्रोविंसियल नोमिनी प्रोग्राम (PNP) भी छात्रों को प्राथमिकता देते हैं।
जो कोर्स कनाडा में पढ़ने के बाद PR मिलने की प्रक्रिया को और भी सुगम बनाते हैं, उनमें प्रमुख हैं: नर्सिंग, जहां बुजुर्ग देखभाल और अस्पतालों की बढ़ती जरूरत है; कंप्यूटर साइंस या डेटा एनालिटिक्स, जो टेक सेक्टर में रोजगार के नए द्वार खोलते हैं; इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, जो उभरते इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में बहुत मांग में है; फाइनेंस और अकाउंटिंग, जहां कॉर्पोरेट व माइक्रोफाइनेंस संस्थान तुरंत पेशेवरों को नियुक्त करते हैं; और हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, जो पर्यटन उद्योग को गति देता है।
मेरी नजर में कोर्स चुनते समय सिर्फ रैंक या फीस को प्राथमिकता न देकर अपनी रुचि, लम्बी अवधि के करियर प्लान और स्थानीय लेबर मार्केट की आवश्यकता को ध्यान में रखना चाहिए। कई प्रांतीय प्रोग्राम विशिष्ट क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आकर्षित करते हैं, इसलिए उस प्रोविजनस की इंडस्ट्री ट्रेंड और प्रवासी नियमावली पर भी गौर करना लाभदायक रहेगा। आगे बढ़ने से पहले संस्थान के इंटर्नशिप अवसर, इंडस्ट्री कनेक्शन और एलुमनाई नेटवर्क की गुणवत्ता की भी पड़ताल करें।
अंततः कनाडा में अध्ययन के साथ PR की राह में सही कोर्स और अनुभवी मार्गदर्शन दोनों की अहम भूमिका होती है। अपनी प्राथमिकताओं और कौशल के अनुरूप विकल्प चुनकर आप न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करेंगे, बल्कि स्थाई रूप से इस खूबसूरत देश में अपना भविष्य भी सुरक्षित कर पाएंगे।

