आज के महंगे शैक्षिक दौर में विदेश में एमबीए करना सुनहरे करियर का रास्ता तो है, लेकिन खर्च ने कई छात्रों की उम्मीदें कुंद कर दी हैं। इसी बीच यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लास्गो ने एक आकर्षक स्कीम पेश की है, जिसमें ट्यूशन फीस के रूप में लगभग 19 लाख रु. तक की छूट दी जा रही है। इससे भारतीय विद्यार्थियों के लिए एमबीए की विश्वस्तरीय पढ़ाई एक करिश्मा बन सकती है।
इस स्कॉलरशिप के तहत चयनित छात्रों को शुल्क में बड़ी रियायत मिलती है। आवेदन के लिए अकादमिक ग्रेड, कार्य अनुभव और प्रेरक शोध प्रस्ताव की जरूरत होती है। यूनिवर्सिटी का मानना है कि विविध पृष्ठभूमि के प्रतिभाशाली उम्मीदवार अध्ययन और शोध गतिविधियों से नए दृष्टिकोण लाएंगे। अप्लाई प्रक्रिया ऑनलाइन है और आवेदन शुल्क भी माफ रखा गया है।
इस पहल की खासियत यह है कि केवल ट्यूशन फीस ही नहीं, बल्कि पार्ट-टाइम इंटर्नशिप में मिलने वाले अवसर भी स्कॉलरशिप के दायरे में आते हैं। ग्लास्गो यूनिवर्सिटी ने पिछले वर्षों में भारतीय एमबीए छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर गौर किया है और इसे बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। इससे प्रतिस्पर्धा का स्तर भी बढ़ेगा और छात्रों को ग्लोबल बिजनेस सर्किल में ठोस पहचान मिलेगी।
मेरी नजर में इस स्कॉलरशिप से लाभ उठाने के लिए तैयारी समय पर शुरू करनी चाहिए। ग्रेड सुधारें, रीजनल और इंटरनेशनल केस स्टडी पर पकड़ मजबूत करें और आवेदन के साथ आत्मकथा में लक्ष्य-सुस्पष्टता दिखाएं। इसके अलावा, नेटवर्किंग और रेकमेंडेशंस पर भी ध्यान देना आपके चयन की संभावना बढ़ाएगा।
अंततः, ग्लास्गो यूनिवर्सिटी की यह स्कॉलरशिप न सिर्फ भारतीय एमबीए उम्मीदवारों के वित्तीय बोझ को कम करती है, बल्कि उन्हें वैश्विक बिजनेस लीडर बनने की दिशा में प्रोत्साहित भी करती है। जो छात्र समय से तैयारी कर प्रयास करेंगे, उनके लिए यह अवसर सुनहरा साबित हो सकता है।

