हाल ही में सीबीएसई सचिव ने सभी छात्रों और अभिभावकों को एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि कुछ गैर-अधिकारिक पोर्टल्स डुप्लीकेट मार्कशीट, सर्टिफिकेट या दस्तावेज़ सुधार जैसी सेवाएँ बिना वैध प्रक्रिया के देने का दावा कर रहे हैं। ऐसी झूठी घोषणाएँ समय और पैसे दोनों की बर्बादी कर सकती हैं।
इन प्लेटफॉर्म्स का फार्मूला बेहद साधारण है: आकर्षक विज्ञापन और कम समय में रिजल्ट की गारंटी। मगर असलियत में कोई आधिकारिक लिंक या काउंटर नहीं जुड़ा होता, जिससे छात्र फंस जाते हैं। सीबीएसई ने छात्रों को सलाह दी है कि वे केवल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध निर्देशों का पालन करें और किसी अनधिकृत सेवा से दूरी बनाएं।
मेरी राय में, छात्र इस तरह के ट्रैप में इसलिए भी फँसते हैं क्योंकि उन्हें तुरंत समाधान चाहिए और वे ऑफिशियल लम्बी प्रक्रियाओं को झंझट समझते हैं। हालांकि समय लगे, पर सीबीएसई द्वारा तय प्रोसेस पारदर्शी, सुरक्षित और विवाद रहित होता है। डिजिटल युग में तेज़ी का आकर्षण बढ़ा है, पर दस्तावेज़ों के महत्व को देखते हुए सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
यदि किसी विद्यार्थी को मार्कशीट या सर्टिफिकेट का नवीनीकरण या सुधार करवाना हो, तो सबसे पहले सीबीएसई की ऑफिसियल साइट cbse.gov.in पर जाएँ। वहाँ ऑनलाइन फॉर्म भरने, फीस जमा करने और अपडेट स्थिति देखने का स्पष्ट मार्गदर्शन मिल जाएगा। किसी तीसरे पक्ष या कोल्ड कॉलिंग सर्विस पर भरोसा करने से पहले आधिकारिक ईमेल या हेल्पलाइन नंबर से पुष्टि अवश्य करें।
अंत में, चाहे दस्तावेज़ सुधार की बात हो या डुप्लीकेट मार्कशीट की, भरोसेमंद और वैध प्रक्रिया से ही काम करें। आपात स्थिति में धीरे-धीरे कदम बढ़ाएँ, जानकारी इकट्ठी करें और किसी भी ऑफर को तभी स्वीकारें, जब वह पूरी तरह से प्रमाणित हो। इस सचेत रहकर आप समय, धन और भावी झंझट से बच सकते हैं।

