बिना खर्चे योग में विशेषज्ञ बनें: PMKVY के मुफ्त कोर्स से उठाएँ करियर

बिना खर्चे योग में विशेषज्ञ बनें: PMKVY के मुफ्त कोर्स से उठाएँ करियर

आज के तेज़ रफ्तार जीवन में मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। ऐसे में योग न सिर्फ तनाव कम करने का एक कारगर साधन है, बल्कि इसे सीखकर आप दूसरों की सेहत का भी ध्यान रख सकते हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) ने इस दिशा में एक अनूठा अवसर पेश किया है, जहां बिना किसी शुल्क के तीन से छह महीनों के प्रमाणपत्र कोर्स के जरिये योग प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा रहा है।

इन कोर्सों के लिए नामांकन प्रक्रिया बेहद सरल है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, जहाँ आधार और आधार से जुड़ी अन्य जानकारियाँ भरकर फॉर्म सबमिट करना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको नजदीकी प्रशिक्षण केंद्र में पाठ्यक्रम शुरू करने का अवसर मिलता है। इससे अलग-अलग शिफ्ट और समय में कक्षाएँ चलती हैं, ताकि स्टूडेंट्स अपनी दिनचर्या के हिसाब से सीख सकें।

कैसे तैयार किया जाता है ये कोर्स? इसमें योगासन, प्राणायाम, ध्यान और शारीरिक व्यायाम से जुड़ी कई तकनीकी बातें शामिल होती हैं। प्रशिक्षक न सिर्फ शारीरिक मुद्राएँ सिखाते हैं, बल्कि छात्रों को सुरक्षा, बायोमैकेनिक्स और अध्यापन विधियों पर भी प्रशिक्षण दिया जाता है। कोर्स के दौरान प्रैक्टिकल सेशन और मूल्यांकन के जरिये यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर छात्र सिद्धांत और अभ्यास दोनों में पारंगत हो।

प्रमाणपत्र हासिल करने के बाद आप योग प्रशिक्षक के रूप में कई विकल्प चुन सकते हैं—जैसे फिटनेस सेंटर, स्पा, स्कूल या निजी क्लासेज में अध्यापन। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वर्चुअल क्लासेज की भी असीम संभावनाएँ हैं। साथ ही, आप कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम या कम्युनिटी सेंटर में भी योग सत्र चला सकते हैं। इस क्षेत्र में मांग लगातार बढ़ रही है, जो आपके लिए एक स्थिर और संतोषजनक करियर रास्ता खोलता है।

मेरी नज़र में PMKVY का यह मुफ्त योग कोर्स न सिर्फ युवाओं को प्रशिक्षित करने का एक बेहतरीन जरिया है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व को भी बढ़ावा देता है। यदि आपका लक्ष्य योग में गहराई से समझ विकसित करना और दूसरों की सहायता करना है, तो यह अवसर आपका मार्गदर्शन कर सकता है। अंततः, बिना आर्थिक बाधा के योग का ज्ञान प्राप्त करके आप खुद भी सशक्त बनेंगे और समाज को भी स्वस्थ्यतर बनाएंगे।

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