टेक्निकल शिक्षा की दुनिया में नए अवसरों का द्वार खुलने जा रहा है, क्योंकि AICTE ने छात्राओं और दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है। यह पहल न सिर्फ आर्थिक बोझ कम करेगी, बल्कि सशक्तिकरण और समावेशिता को भी आगे बढ़ाएगी।
इस स्कॉलरशिप के अंतर्गत डिग्री और डिप्लोमा करने वाले लाभार्थियों को सालाना 50,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी। पात्रता में टेक्निकल कोर्स में नामांकन, पिछड़ा वर्ग होना या दिव्यता से जुड़ी शारीरिक सीमाएं शामिल हैं। इससे उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलेगी जिनके पास अन्यथा उच्च शिक्षा के साधन नहीं होते।
आवेदन प्रक्रिया बहुत आसान और ऑनलाइन आधारित है। इच्छुक छात्र AICTE की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करके फॉर्म भर सकते हैं, आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं, और अंतिम तारीख से पहले सबमिट कर सकते हैं। समयबद्धता और दस्तावेजों की पूरी तैयारी इस प्रक्रिया का प्रमुख हिस्सा है।
मेरी नजर में यह कदम सिर्फ आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन प्रतिभाओं को पहचानने का माध्यम भी है जो सामाजिक या शारीरिक चुनौतियों के बीच भी आगे बढ़ने का जुनून रखती हैं। इस योजना से प्रेरणा लेकर छात्राएं और दिव्यांग युवा तकनीकी क्षेत्र में नए इनोवेशन और उद्यमिता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
अंततः, AICTE की यह छात्रवृत्ति पहल सबको एक समान अवसर प्रदान करने का संदेश देती है। जब हर इच्छुक छात्र को शिक्षा के स्तर पर सुरक्षित महसूस होता है, तभी हमारा समाज और अर्थव्यवस्था दोनों ही प्रगति की ओर अग्रसर होते हैं। इस पहल से उठाए गए कदम भविष्य में तकनीकी विकास के नए आयाम खोलेंगे।

