NEET और JEE दोनों ही प्रतिष्ठित मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएँ हैं, जिनकी तैयारी छात्रों के लिए बड़ी चुनौती साबित होती है। अगर दसवीं बोर्ड परीक्षा के बाद ही आप साफ लक्ष्य बना लें कि दोनों एग्जाम साथ-साथ तैयारी होंगे, तो समय का सदुपयोग कर लाभ उठा सकते हैं। इस लेख में मैं अपनी रणनीति और अनुभव साझा कर रहा हूँ, जिससे आप दोनों परीक्षा के छात्रों में सबसे आगे रहेंगे।
पहले चरण में पाठ्यक्रम का विश्लेषण करें और सामान्य विषयों की पहचान करें। फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के कई कॉन्सेप्ट एक-दूसरे से ओवरलैप करते हैं। उदाहरण के लिए रसायन विज्ञान में ऑर्गेनिक और अनऑर्गेनिक टॉपिक्स दोनों के कॉन्सेप्ट से नीट और जेईई के प्रश्न बनते हैं। इसकी मदद से एक ही समय में दोहरा अभ्यास किया जा सकता है।
दूसरे चरण में अध्ययन-सूची (टाइमटेबल) तैयार करें और हर दिन की डेली गो-टू लिस्ट बनाएं। कठिन विषय को सुबह तरोताजा दिमाग में रखें, जबकि हल्के टॉपिक्स शाम के वक्त। सप्ताह में एक दिन रिवीजन और मॉक टेस्ट के लिए निर्धारित करें। इस तरह नियमित रिवाइजनों से दोनों एग्जाम के सिलेबस को एक डाउनटाइम के बिना पूरा किया जा सकेगा।
तीसरे चरण में क्वालिटी रिसोर्सेज का चुनाव अति-आवश्यक है। सीमित किताबों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का संयोजन करें, जिससे कंफ्यूज़न कम हो। पिछले साल के पेपर्स और सॉल्व्ड प्रश्न बैंक के साथ-साथ वीडियो लेक्चर का संतुलित इस्तेमाल आपको कठिन टॉपिक्स में आत्मविश्वास देगा। साथ ही मॉक टेस्ट के आंकड़ों का विश्लेषण करें और अपनी कमजोरियों पर निरंतर काम करते रहें।
चौथे चरण में मानसिक संतुलन बनाए रखना उतना ही जरूरी है जितनी पढ़ाई। योग, मेडिटेशन या छोटी ब्रेक्स से तनाव दूर होता है और कंसंट्रेशन बढ़ती है। दोस्तों या परिवार से समर्थन लें, सफलता की राह में अकेलापन बाधा बन सकता है। नियमित नींद और सही खान-पान सुनिश्चित करें ताकि आपका मस्तिष्क फिट रहे और आप दोनों परीक्षाओं की तैयारी पूरे उत्साह के साथ कर सकें। अंतिम निष्कर्ष यह है कि संयम, स्मार्ट टाइम मैनेजमेंट और पॉजिटिव माइंडसेट से NEET और JEE दोनों में सफलता का मार्ग आसान हो जाता है।

