अमेरिका में OPT (Optional Practical Training) के तहत विदेशी छात्र अध्ययन पूरा करके जिस कामकाजी अनुभव का लाभ उठाते आए हैं, वह अब एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर सकता है। OPT क्या है, इसने छात्रों को पढ़ाई के दौरान या बाद में अपने क्षेत्र से जुड़े पेशेवर अनुभव और बेहतर कमाई का मौका दिया है। हाल ही में सामने आए प्रस्ताव के अनुसार, OPT के तहत होने वाली कमाई पर टैक्स लगाने की तैयारी है। यह कदम विदेशियों के लिए बनाई गई कर छूट को खारिज करता दिख रहा है।
वर्तमान में OPT पीरियड सैलरी टैक्स फ्री है, जिससे छात्र अच्छी आमदनी कर पाते हैं और अपनी पढ़ाई या जीवनयापन के खर्च सहजता से मैनेज कर लेते हैं। छात्र किराया, गुजारा, स्वास्थ्य बीमा जैसी अहम जरूरतों को पूरी तरह से OPT इनकम से पूरा कर सकते हैं। इस टैक्स-फ्री डिस्पोसिबल इनकम ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में छात्रों का योगदान बढ़ाया है।
सरकार की नजर अब इस टैक्स बेनिफिट पर ठहर गई है, जिसका सीधा तर्क राजस्व में इज़ाफा करना है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि विदेशी छात्रों की इनकम पर टैक्स लगाकर बजट घाटे को कम किया जा सकता है। साथ ही रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धा के बिंदु पर भी यह कदम उठाया जा रहा है।
हालांकि, इस प्रस्ताव का असर सीधे छात्रों की जेब पर पड़ेगा। जो विदेशी विद्यार्थी अमेरिका में पढ़ाई के बाद जॉब के लिए OPT का सहारा लेते हैं, उन्हें अपनी बची-खुची इनकम का एक हिस्सा टैक्स के रूप में चुकाना होगा। इससे उनकी आर्थिक योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं और वे सीखने-जीवनयापन के अवसरों पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
निष्कर्षतः, OPT टैक्स पर प्रस्तावित बदलाव छात्रों और शिक्षा नीतियों दोनों के लिए नए प्रश्न खड़े करता है। जहां एक ओर राजस्व संकलन में मदद मिल सकती है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय छात्रों की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर हो सकती है। ऐसे में छात्रों को अभी से वित्तीय तैयारी करनी होगी, नीतिगत बदलावों पर ध्यान देना होगा और संभावित विकल्पों को तलाशना होगा।

