आईआईटी दिल्ली और नौसेना की साझेदारी से नए युद्धपोतों में सुरक्षा और आराम की नई पहल

आईआईटी दिल्ली और नौसेना की साझेदारी से नए युद्धपोतों में सुरक्षा और आराम की नई पहल

भारतीय नौसेना और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के बीच हाल ही में हुए समझौते ने जहाज निर्माण के परिदृश्य में नई दिशा इशारा की है। अब नौसेना के भावी जहाजों की रूपरेखा तैयार करने में आईआईटी दिल्ली की शोधशालाएँ शामिल होंगी, जिससे युद्धपोतों की संरचनात्मक मजबूती और परस्पर कार्यक्षमता दोनों में निखार आयेगा।

प्रस्तावित कार्यक्रम में जहाजों की थ्रस्टर प्रणाली, शॉक अवशोषण तकनीक और आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल जैसी जटिल प्रणालियों पर गहन शोध होगी। आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिक आधुनिक अभियांत्रिकी सॉफ्टवियर का उपयोग कर जहाजों की लचीलेपन और गतिशील स्थायित्व का परीक्षण करेंगे, जिससे हाई-टेंशन परिस्थितियों में भी नाव सुरक्षित रहे।

जहाज पर रहने वाले नौसैनिकों की मानसिक व शारीरिक सुख-सुविधा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। केबिन का उन्नत वेंटिलेशन, शोर-निस्तब्धीकरण तकनीक तथा कम-धूल वाले आवासीय मॉड्यूल डिजाइन किए जाएंगे। इससे लंबे समुद्री अभियानों में चालक दल की थकान घटते हुए मनोबल ऊँचा रहेगा और कार्यकुशलता बेहतर होगी।

आईआईटी दिल्ली और नौसेना की यह भागीदारी न केवल रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगी, बल्कि छात्रों को वास्तविक चुनौतियों से रूबरू कराकर उनकी सोच को विस्तार देगी। भविष्य में इन अनुसंधानों से व्यावसायिक जहाजों, स्पीडबोट्स और रिसर्च वessels के लिए भी उपयोगी समाधान विकसित हो सकते हैं, जिससे समग्र समुद्री उद्योग को बल मिलेगा।

इस साझेदारी का दूरगामी महत्व हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता दोनों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। जब अकादमिक उत्कृष्टता और रक्षा आवश्यकताएँ हाथ मिलाकर काम करेंगी, तो भारतीय नौसेना के युद्धपोतों का डिजाइन और संचालन नए मानदंड स्थापित करेगा। आशा है कि इस सहयोग से निकले नतीजे आने वाले समय में देश का गौरव बढ़ाएंगे।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *