अमेरिका में H-1B वीजा होल्डर के जीवनसाथी के लिए H-4 वीजा एक वरदान सिद्ध हो रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने इस वीजा धारकों को नौकरी करने की मंज़ूरी पक्की कर दी है, जिससे परिवार में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास दोनों को बढ़ावा मिलेगा। यह निर्णय खासकर उन भारतीय परिवारों के लिए खुशी का संदेश लेकर आया है, जो अपने साथी के साथ अमेरिका में नई ज़िंदगी की शुरुआत कर रहे हैं।
एच-4 वीजा धारक वह व्यक्ति होता है, जिसका जीवनसाथी H-1B वीज़ा पर अमेरिका में काम कर रहा होता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस वीज़ा के तहत काम करने की इजाजत को वैध ठहराया है। अब एच-4 वीजा भारतीय वीज़ाधारक आसानी से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। वीज़ा प्रक्रिया में उम्र, शिक्षा और भाषा परीक्षण जैसी सामान्य शर्तें लागू होती हैं, किन्तु मुख्य आधार है H-1B होल्डर की वैध स्थिति और उसकी वर्क ऑथराइजेशन।
इस फैसले का सामाजिक और आर्थिक असर दूरगामी हो सकता है। जीवनसाथी को रोजगार की अनुमति से न सिर्फ परिवार की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि उनकी स्किल्स का सही इस्तेमाल भी होगा। महिलाओं को कहीं ज़्यादा व्यावसायिक मौके मिलेंगे और परिवार में एक सकारात्मक बदलाव दिखाई देगा। आत्मनिर्भरता का जो भाव पैदा होगा, वह पारिवारिक तनाव को भी कम कर सकता है।
यदि आप H-4 वीजा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले H-1B होल्डर की I-797 कॉपी और जॉब ऑफर लेटर तैयार रखें। वीजा फॉर्म DS-160 भरने के साथ कॉन्सुलेट अपॉइंटमेंट बुक करें। इंटरव्यू में अपने शैक्षणिक दस्तावेज़ और स्पॉन्सर की नौकरी के प्रमाण पेश करें। प्रोसेसिंग टाइम आमतौर पर कुछ हफ़्तों का होता है, इसलिए आगे की योजनाएँ बनाते समय समय का ध्यान रखें।
निष्कर्षतः सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला H-4 वीजा धारकों के लिए एक बुलंद नींव की तरह है। अब जीवनसाथी भी घर से बाहर निकलकर करियर बना सकते हैं, परिवार का आत्मविश्वास बढ़ सकता है और आर्थिक-दृष्टि से स्थिति और मज़बूत हो सकती है। इस फैसले ने वीजा शर्तों को और पारदर्शी बनाया है, जिससे अमेरिका में बसे भारतीय परिवारों के सपने और भी करीब आएँगे।

