वास्तविक दुनिया से STEM तक: IIT दिल्ली और KVS की नई पहल

वास्तविक दुनिया से STEM तक: IIT दिल्ली और KVS की नई पहल

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और केंद्रीय विद्यालय संगठन ने हाल ही में STEM शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह गठजोड़ छात्रों और शिक्षकों दोनों को लाभान्वित करने के इरादे से किया गया है ताकि शैक्षणिक स्तर को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया जा सके। एमओयू के माध्यम से यह प्रयास तकनीकी दक्षता के साथ-साथ वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को पाठ्यक्रम में शामिल करेगा।

इस पहल के तहत “Science Tech Spins (STS)” व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की जाएगी, जिसमें विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तक सीमाओं से परे ले जाकर रोजमर्रा की समस्या समाधान से जोड़ा जाएगा। मेरी राय में, जब छात्र गणितीय सूत्रों और वैज्ञानिक सिद्धांतों को वास्तविक परिदृश्यों में उपयोग होता देखेंगे, तब उनकी रुचि और समझ दोनों गहराई तक पहुँचेंगे।

शिक्षक प्रशिक्षण पर खास फोकस रहेगा ताकि शिक्षण पद्धतियों में नवीनतम तकनीकी उपकरण और इमरजिंग टेक्नोलॉजी टूल्स का समावेश हो सके। केवीएस के अनुभवी शिक्षक IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर पाठ्य सामग्री का डिज़ाइन करेंगे, जिससे कक्षा की गुणवत्ता और व्यावहारिकता दोनों में सुधार हो।

मेरी उनसे जुड़ी प्रोस्पेक्टिव जाँच में लगता है कि इस साझेदारी से STEM के प्रति करियर गाइडेंस और अकादमिक आउटरीच में व्यापक विस्तार होगा। दिल्ली-एनसीआर के छात्रों के लिए मौका बढ़ेगा कि वे इंजीनियरिंग, विज्ञान और गणित के क्षेत्र में नई खोजों का हिस्सा बनें। इसी तरह, स्थानीय स्कूलों तक नवीनतम STEM प्रगति का लाभ भी पहुंचेगा।

अंततः यह समझौता सिर्फ एक औपचारिक अनुबंध नहीं, बल्कि एक दिशा निर्देश है जो शिक्षण-शोध के बीच की दूरी को पाटेगा। मुझे विश्वास है कि इस तरह की पहल आने वाले वर्षों में STEM एजुकेशन को मजबूती प्रदान कर देश के युवा प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेगी।

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