OPT (Optional Practical Training) एक ऐसा अवसर है जो अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों को अपनी पढ़ाई के बाद वर्क परमिट देता है। लेकिन इस सिस्टम का फायदा उठाते हुए कुछ शातिर एजेंट छात्र-छात्राओं को जॉब गारंटी का झांसा देकर भारी रकम ऐंठ रहे हैं। OPT की प्रक्रिया, डेडलाइन और वैधता को लेकर भ्रम पैदा कर, ये गिरोह उच्च फीस व फर्जी दस्तावेज दवा कर लाखों रुपए वसूल रहे हैं।
स्कैमर सोशल मीडिया, WhatsApp ग्रुप या संदिग्ध वेबसाइट्स के जरिये ‘दैनिक रोजगार’ और ‘इंस्टेंट ग्रीन कार्ड’ जैसे आकर्षक ऑफर दिखाते हैं। वे PSW वीजा, STEM OPT एक्सटेंशन या H-1B प्रक्रिया को लेकर झूठे डॉक्युमेंट तैयार करते हैं और बड़ी राशि एडवांस में ले लेते हैं। इसके बाद ना तो सही वर्क प्लेस मिलता है और ना ही कोई कानूनी सहायता। छात्र खुद को धोखे का शिकार पाते हैं और मदद मिलने में महीनों लग जाते हैं।
वित्तीय नुकसान के अलावा इन स्कैम्स का प्रभाव छात्रों की मानसिक सेहत और करियर पर भी पड़ता है। विदेशी छात्र पहले से ही भाषा, संस्कृति और अकेलेपन से जूझते हैं, ऐसी धोखाधड़ी उनकी आर्थिक स्थिति को गिराती है और आत्मविश्वास हिला देती है। कई बार छात्र अवैध तौर पर नौकरी करके परेशानी में फंस जाते हैं, जिससे उनका भविष्य खतरे में आ जाता है।
इस समस्या से निपटने के लिए विवि, इमिग्रेशन ऑफिस और समुदाय को मिलकर काम करना होगा। विश्वविद्यालयों को छात्रों को वर्क परमिट प्रक्रिया की सही जानकारी देनी चाहिए और विश्वसनीय एजेंसी की लिस्ट उपलब्ध करानी चाहिए। साथ ही, छात्रों को सलाह दी जानी चाहिए कि वीजा, OPT या STEM एक्सटेंशन से जुड़ी कोई भी फीस सीधे USCIS या दर्ज किराए के वकील को ही दी जाए।
न्यायिक प्रणाली को ऐसे गिरोहों की पहचान कर सख्त सजा देनी होगी, तभी ये स्कैम कम होंगे। छात्र सावधान रहें, आधिकारिक स्रोतों का ही सहारा लें और किसी भी शक के मामले में कानूनी परामर्श अवश्य लें। सही जानकारी और सतर्कता से हम OPT स्कैम जैसी ठगी को मात दे सकते हैं और विदेशी छात्रों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

