अमेरिका में अध्ययन और काम करने आए विदेशी छात्र-वर्कर्स के लिए USCIS ने एक नया निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार बैंक अकाउंट न होने पर वीजा संबंधी कई प्रक्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं। पिछले वर्षों में डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन की बढ़ती मांग को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। अगर आप सामान्यतः हॉस्टल या वीज़िटिंग स्कीम पर हैं, तो भी बैंक अकाउंट लिंक्ड ट्रांज़ैक्शन अब अनिवार्य माने जाएंगे।
इस नए नियम में फॉर्म G-1650 का उल्लेख किया गया है, जो यूनाइटेड स्टेट्स इमिग्रेशन एंड नेचुरलाइजेशन सर्विसेज़ (USCIS) द्वारा तैयार किया गया एक पैमेंट वेरिफ़िकेशन टूल है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि अंतरराष्ट्रीय छात्र-वर्कर वैध तरीके से अपनी फीस, किराया, बीमा और अन्य खर्चों का भुगतान कर रहे हैं। बिना मान्य बैंक अकाउंट के ऑनलाइन पेमेंट्स या इंटरबैंक ट्रांज़ैक्शन कंप्लायंस के दायरे से बाहर माने जाएंगे।
व्यावहारिक तौर पर यह नियम शुरुआत में थोड़ा झंझट पैदा कर सकता है क्योंकि कई छात्र-वर्कर्स के पास सोशल सिक्योरिटी नंबर नहीं होता और बैंक अकाउंट खोलने के लिए प्रूफ ऑफ एड्रेस और क्रेडिट हिस्ट्री अनिवार्य होती है। बैंक के दस्तावेजी मानकों को पूरा करने में देरी हो सकती है, विशेषकर उन राज्यों में जहां KYC प्रक्रिया बहुत सख्त है। छात्रों को अपनी यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट ऑफिस से गाइडेंस लेकर अग्रिम तैयारी करनी होगी।
मेरी नज़र में यह पहल लाभदायक भी है और चुनौतिपूर्ण भी। लाभ इसलिए कि डिजिटल पेमेंट कल्चर में यह स्टूडेंट्स को आत्मनिर्भर बने रहने में मदद करेगा; वहीं चुनौतिपूर्ण इसलिए कि शुरुआत में दस्तावेजी पाएंचों की वजह से समय और पैसों की अतिरिक्त लागत हो सकती है। यूनिवर्सिटी, बैंक और USCIS के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन से इन मुश्किलों को कम किया जा सकता है।
निष्कर्षतः, अमेरिका में बैंक अकाउंट खोलना अब सिर्फ एक सुविधा नहीं बल्कि नियमों का हिस्सा बन चुका है। अगर आप छात्र-वर्कर हैं, तो समय रहते फॉर्म G-1650 समझें, आवश्यक दस्तावेज जमा करें और बैंक अकाउंट से जुड़े सभी स्टेप्स पूरे कर लें। इस तरह आप अपनी पढ़ाई व वर्क परमिट से जुड़ी प्रक्रियाओं को बिना किसी व्यवधान के आगे बढ़ा सकते हैं।

