नौकरी भी, ज़िंदगी भी: यूरोप के 5 देश जो वर्क-लाइफ बैलेंस में अव्वल

नौकरी भी, ज़िंदगी भी: यूरोप के 5 देश जो वर्क-लाइफ बैलेंस में अव्वल

आजकल काम के साथ निजी जीवन में संतुलन बनाए रखना जितना जरूरी हो गया है, उतना पहले कभी नहीं था। युवा पीढ़ी ख़ासतौर पर ऑफिस की बढ़ती मांगों से थक चुकी है और लगातार काम के बोझ ने उन्हें बर्नआउट की ओर धकेल दिया है। ऐसे में एक खुशहाल कैरियर की चाह रखने वाले युवा Europe के उन देशों की तरफ बढ़ रहे हैं, जहाँ न सिर्फ तनख्वाह अच्छी मिलती है, बल्कि पार्ट टाइम, फ्लेक्सी-टाइम और छुट्टियों का पूरा हक होने से वर्क-लाइफ बैलेंस भी बेहतरीन रहता है।

सबसे पहले बात करते हैं Denmark की, जो दुनिया में वर्क-लाइफ बैलेंस रैंकिंग में हमेशा टॉप पर रहता है। यहाँ 37 से 40 घंटे का वीकली वर्क वीक आम है, साथ ही ऑफिस से सीधे घर जा सकने की परमिशन होती है। Netherlands भी इस मामले में पीछे नहीं है—यहाँ का फ्लेक्सिबल वर्क मॉडल, रिमोट वर्क ऑप्शन्स और साइकल-टू-वर्क कल्चर कर्मचारियों को ऊर्जा से भर देता है।

Sweden और Finland दोनों ही न्यूनतम काम के घंटों और कॉम्प्रिहेंसिव पेरेंटल लीव पॉलिसी के लिए मशहूर हैं। Sweden में कॉमन सीक्रेटेरियल हॉलिडेज़ और सिबलिंग डेअर (सिस्टर डे) जैसे एक्सट्रा छुट्टियाँ मिलती हैं, जबकि Finland ने सीनियरिटी आधारित बंपर बोनस और प्राकृतिक वातावरण का लाभ उठाकर उत्पादकता बढ़ा रखी है। मैंने खुद इन देशों के कार्यस्थल संस्कृति का अनुभव किया है, जहाँ टीम वर्क और मेल-जोल को सबसे ऊपर रखा जाता है।

Switzerland का नाम सुनते ही दिमाग में हाई सैलरी आती है। यहाँ औसतन 40-42 घंटे वर्क वीक होता है, साथ ही बैंकिंग, IT और हेल्थकेयर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौके मिलते हैं। सैलरी पेड्स अपने आप में आकर्षक हैं और लोकल शैक्षिक संस्थान भी कर्मचारियों को स्किल अपग्रेड करने के लिए कोर्सेज और कोचिंग प्रोवाइड करते हैं। मैंने देखा है कि स्विस कंपनियाँ वर्क लाइफ बैलेंस के लिए वर्ष में 5 से 6 ट्वीक्ड हॉलिडेज़ भी दे देती हैं।

समग्र रूप से ये पाँचों देश न केवल तनख्वाह में आगे हैं, बल्कि काम के घंटे नियंत्रित रखने, पारिवारिक छुट्टियाँ देने और री-चार्ज के लिए प्रेरित करने के लिए जाना जाते हैं। भारत से जाने वाले पेशेवरों को इन देशों में जॉब ठीक से ढूँढने के लिए EU जॉब पोर्टल्स, लिंक्डइन नेटवर्किंग और लोकल रिक्रूटमेंट फेयर्स का सहारा लेना चाहिए। अपनी स्किल सेट, भाषा क्षमता और अनुभवी प्रोफाइल को हाइलाइट करके आप इन मार्केट्स में आसानी से पैठ बना सकते हैं। अगर आप संतुलित ज़िंदगी और बेहतर वर्क कल्चर चाहते हैं तो ये देश आपके लिए बेहतरीन विकल्प हैं।

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