अमेरिकी कंपनियों में H-1B वीजा वर्कर्स की मांग: हावर्ड प्रोफेसर की दो प्रमुख वजहें

अमेरिकी कंपनियों में H-1B वीजा वर्कर्स की मांग: हावर्ड प्रोफेसर की दो प्रमुख वजहें

अमेरिका में एच-1बी वीजा जॉब्स को लेकर चर्चा बीते कई वर्षों से जारी है। तकनीकी और आईटी उद्योग में भारतीय वर्कर्स की उपस्थिति काफी बढ़ गई है, जिससे h-1b visa for indian workers की मांग भी बढ़ी है। इस बीच हावर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने स्पष्ट किया कि कंपनियां क्यों us h-1b visa jobs for indians उम्मीदवारों को हायर करती हैं।

पहली वजह है विशेषज्ञता की कमी: अमेरिका में बहुत सी कंपनियों को अत्याधुनिक तकनीकी स्किल्स वाले प्रोफेशनल्स की जरूरत है। domestic talent की पूर्ति न हो पाने पर वे h-1b visa jobs in america पर निर्भर हो जाती हैं। प्रोफेसर के अनुसार, ये वर्कर्स विशेष भाषण, मशीन लर्निंग और आईटी सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में माहिर होते हैं, जो अमेरिकी यूनिवर्सिटी सिस्टम से सीधे उपलब्ध नहीं हो पाते।

दूसरी वजह है लागत में बचत: अमेरिकी कंपनियों को इन इंजीनियरों और डेवलपर्स के लिए अक्सर सस्ती श्रम शक्ति मिल जाती है। एच-1बी वीजा भारतीय वर्कर्स पर कंपनियां प्रतिस्पर्धी वेतन देती हैं, जिससे overall आउटसोर्सिंग बजट संतुलित रहता है। इस रणनीति से उन्हें global प्रोजेक्ट्स में लागत घटाकर margins बढ़ाने में मदद मिलती है।

बाजार में अमेरिका में एच-1बी वीजा विवाद भी गर्म रहता है। कई बार स्थानीय नेताओं और यूनियनों की तरफ से आरोप उठते हैं कि why us companies hire on h-1b visa, जिससे अमेरिकी वर्कर्स को रोजगार से वंचित होना पड़ता है। हालांकि, अच्छे skill sets वाले इन वीजाधारकों के आने से innovation और growth दोनों को बल मिलता है। अगर आप जानना चाहते हैं how to get jobs on h-1b visa, तो आपको technical proficiency के साथ-साथ network बनाने पर भी जोर देना होगा।

निष्कर्षतः, h-1b visa for indian workers पर कंपनियों की निर्भरता दो मुख्य कारणों—विशेषज्ञता और लागत लाभ—के चलते है। चाहे us h-1b visa ronil hara जैसे विश्लेषक इस मामले को अलग दृष्टिकोण से देखें, पर यह सच है कि global टैलेंट पूल को जोड़ने में H-1B वीजा अहम भूमिका निभाता है। एच-1बी वीजा कैसे पाएं, यह जानने वाले कैंडिडेट्स को इन पहलुओं पर फोकस करना चाहिए ताकि अमेरिका में उनकी जॉब तलाश सफल हो सके।

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