भिवाड़ी में महिला का अर्धनग्न शव: रेप-हत्या की गुत्थी सुलझेगी?

भिवाड़ी में महिला का अर्धनग्न शव: रेप-हत्या की गुत्थी सुलझेगी?

भिवाड़ी की कहरानी इंडस्ट्रियल एरिया में हाल ही में हुई यह घटना ना सिर्फ इलाके में सनसनी फैला गई है, बल्कि पूरे शहर में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिया है। गुरुवार शाम टीएमटी चौक से लगभग 200 मीटर दूर रेलवे ट्रैक के नीचे एक अर्धनग्न महिला का शव मिलने की खबर के साथ ही पुलिस और पत्रकारिता जगत में भिवाड़ी क्राइम न्यूज (bhiwadi crime news) का एक नया अध्याय जुड़ गया।

मृतका उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की मूल निवासी थी और पिछले ढाई दशक से अपने परिवार के साथ भिवाड़ी के लेबर कॉलोनी में रह रही थी। स्थानीय लोग उसे शांत स्वभाव वाली महिला के रूप में जानते थे। मृतका की आय का एकमात्र स्रोत उसके पति का तकिया बेचने का काम था, जिससे घर चल रहा था। इस पृष्ठभूमि ने कई सवाल खड़े कर दिए कि इतने समय से सुरक्षित बताई जाने वाली कॉलोनी में अचानक ऐसा खौफनाक मामला कैसे घटित हो गया।

पुलिस मर्ग कायम कर प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की राह पर तेजी से बढ़ रही है, जबकि परिजनों ने शव पर गले और शरीर पर चाकू के गहरे जख्म होने का हवाला देकर रेप के बाद हत्या का दावा किया है। बुधवार शाम से लापता महिला का मोबाइल स्विच ऑफ था, और आखिरकार गुरुवार शाम स्थानीय थाने को सूचना मिली। घटना स्थल पर पहुंचकर शव की पहचान महिला की मां ने की, जिन्होंने कहा कि बेटी का शरीर अव्यवस्थित था और आत्महत्या का प्रश्न ही पैदा नहीं होता।

इस बीच, पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिवार का आरोप है कि शव रेल लाइन पर फेंकने से साफ तौर पर परपीड़ित घंटे काम होते हैं। हमारी समझ में आने वाली बात यह है कि जांच टीम को जल्द से जल्द मेडिकल और फॉरेंसिक रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए, ताकि तथ्यों पर आधारित निष्कर्ष सामने आएं और केस की गुत्थी समाधान की दिशा में बढ़े। स्थानीय नागरिक संगठनों ने भी मामले को मानवाधिकार के दृष्टिकोण से उठाया है और फास्ट-ट्रैक जांच की मांग की है।

यह दुखद घटना न केवल एक परिवार को तोड़कर रख गई है, बल्कि पूरे भिवाड़ी समुदाय के लिए एक चेतावनी भी है कि सुरक्षित मानी जाने वाली जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा पर पुनर्विचार अवश्य करना चाहिए। अगर रेप-हत्या का प्रमाण मिलता है, तो दोषियों को न बाल—बूता बक्शा जाना चाहिए। न्यायप्रिय समाज के निर्माण के लिए जरूरी है कि इस तरह की भिवाड़ी क्राइम न्यूज पर समय रहते कड़ी कार्रवाई हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।

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