OPT (Optional Practical Training) ऐसा प्रोग्राम है जो अमेरिकी डिग्रीधारकों को पढ़ाई पूरी होने के बाद अमेरिका में काम करने का जरिया देता है। यह सुविधा विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अनमोल मानी जाती है, क्योंकि इससे उन्हें अपने क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव हासिल करने का मौका मिलता है। हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि OPT के बिना विदेशी छात्र अपने करियर को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे।
US OPT NAFSA सर्वे के अनुसार, लगभग 70% अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिका में नौकरी की संभावनाओं की वजह से यहां पढ़ाई को प्राथमिकता देते हैं। सर्वे में यह भी खुलासा हुआ कि अगर OPT बंद हो गया तो अधिकांश छात्र अपने देश लौट लेने में समय नहीं लगाएंगे। स्टूडेंट्स कहते दिखे कि बिना व्यावसायिक अनुभव की गारंटी के वह अमेरिका में रूके रहने का जोखिम नहीं उठाएंगे।
इस स्थिति का असर सिर्फ छात्रों पर नहीं, बल्कि अमेरिकी कंपनियों और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और रिसर्च के क्षेत्र में भर्ती के लिए अमेरिका विदेशी टैलेंट पर निर्भर है। OPT हटने से इन क्षेत्रों में कुशल मानव संसाधन की कमी बन सकती है, जिससे इनोवेशन और रीसर्च प्रोजेक्ट्स धीमे पड़ सकते हैं।
मेरी नज़र में, अमेरिका को वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने के लिए संतुलित नीति अपनाने की जरूरत है। OPT को पूरी तरह समाप्त करने के बजाय उसमें बदलाव लाकर लगातार टैलेंट को आकर्षित किया जाना चाहिए। इससे कंपनियों को विदेशी विशेषज्ञ मिलते रहेंगे और छात्रों को व्यावहारिक अनुभव का जरिया भी बना रहेगा।
निष्कर्षतः, OPT सिर्फ एक इमिग्रेशन सुविधा नहीं बल्कि ग्लोबल इनोवेशन मॉडल का अहम हिस्सा है। यदि अमेरिका इसे हटाएगा तो विदेशी प्रतिभा वहां से इतरत्र बिखर जाएगी और देश को लम्बे समय में भारी अवसरों का नुकसान होगा। इसलिए जरूरी है कि नीति निर्माताएँ संतुलन बनाकर इस प्रोग्राम को बचाने के उपाय खोजें।

